इंटेलीजेली- अनमोल शिष्टाचार


शिष्टता इंसान का निर्माण करती है. बच्चों में शिष्टाचार विकसित करने का एक आसान सा तरीका है- छवि निर्माण प्रक्रिया'. यह तरीका जादुई असर करता है. यह तरीका वहां भी सफल होता है, जहां बच्चे अपने अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते.


अपने बेटे को आप शिष्ट बनाना चाहते हैं? उनसे कहिये, 'आंटी कह रहीं थीं, आप उनकी बेटी से बहुत ही भद्र तरीके से पेश आ रहे थे.' अब कुछ पल उसके चेहरे की तरफ देखिये, वो जल्दी ही आप की बात पर विश्वास करते हुए दिखाई देंगे और आप कुछही दिनों में उन की आंखों में महिलाओं के प्रति सम्मान कई गुना बढ़ा हुआ देखेंगे.


अपनी बेटी से कह कर देखिए, अरे वाह! कितने बढ़िया तरीके से आपने अंकल के सवालों का जवाब दिया! आपका आत्म विश्वास बहुत गजब है.' कुछ दिनों तक उसे ये कहते रहिये, उसे विश्वास कराते रहिये. जल्दी ही वह दूसरों से बातचीत करते समय अच्छे से अच्छा बर्ताव करती हुई दिखेंगी.


याद रखें, बच्चे अपने आप को वैसा ही देखते हैं, जैसा उनके अभिभावक उन्हें दिखाते हैं- चाहे अनजाने में ही. बच्चे उस छवि को जीने लगते हैं जो वो अभिभावक के द्वारा देखते हैं. इस छवि का सजगता से निर्माण करना जरूरी है. बच्चों को उस छवि में ढालना आसान होता है जैसा हम उन्हें देखना चाहते हैं.


आप सोच सकते हैं कि क्या शब्द और छवि निर्माण प्रक्रिया इतने ताकतवार हैं? लेकिन आप विश्वास तभी कर पाएंगे जब आप ये कर के देखेंगे.


बच्चों में अच्छे-बुरे में अंतर की समझ को विकसित करना भी माता-पिता का ही दायित्व है. साथ ही, बच्चों के विचारों को जानना और समझना भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. इंटेलीजेली में, हम माता-पिता को सभी अवसरों पर उनके लाडलों की बातें समझने-बूझने के लिए प्रेरित करते हैं.


 


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